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हर साल की तरह होगा ये भी नया साल,
काल किसी के लिए, किसी के लिए बेमिशाल.
कुछ नहीं होगा अलग पिछले साल से,
कहीं होंगे दंगे कहीं पर होंगे बवाल..
पिछले साल सोते थे जितने लोग फुटपाथ पर,
उससे भी ज्यादा लोग सोयेंगे इस साल..
पिछले साल रोये थे जितने बच्चे रोटी को,
उससे भी ज्यादा बच्चे रोयेंगे इस साल….
कुछ लोग नए साल पर जश्न मनाये हैं,
कुछ लोग ठंड से अपनी जान गवाएं हैं..
अखबार के कोने में “ठंड से सत्तर मरे”,
बाकी पूरे पेज़ पर न्यू इयर की अदाएं हैं..
लड़कियां इस साल भी बाहर निकलते डरेंगी,
कुछ का रेप होगा, कुछ सुसाइड करेंगी….
क्या फ़र्क पड़ेगा नए साल का इनपर,
दिसम्बर तक कई फिर से दामिनी बनेंगी..
इस साल भी देश में आतंकी हमले होंगे,
स्कूलों में फूल नहीं बस गमले होंगे,
देश से आतंकवाद को जड़ से मिटायेंगे,
इस बार भी सरकार के यही जुमले होंगे..
कहीं होगा बलात्कार, कहीं जलेगी मशाल,
कहीं होगा मासूमों का पाकिस्तान जैसा हाल.
न कुछ सुधरा था, न है, न सुधरेगा,
बस कहने की बात है मुबारक हो नया साल.
अगर करना ही है कुछ इस साल तो,
अगर देश का बदलना ही है हाल तो,
खुद को बदलने की कसम खा लो,
खुद बदलोगे तो बदल दोगे साल को..
————–अभिमन्यु ASY—————-
————– 7068745795 ———————-
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